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EYE FLU – CONJUNCTIVITIS – PINK EYES

जानें इसके लक्षण और बचाव के तरीके

EYE FLU/CONJUNCTIVITIS/PINK EYES: मानसून के मौसम में Eye Flu या Conjunctivitis बहुत तेजी से फैलता है | बरसात के दिनों में वातावरण में कम तापमान और हाई ह्यूमिडिटी होती है जो की कीटाणुओं की वृद्धि के लिए बहुत जरुरी है | इन दिनों वातावरण में कीटाणु बहुत जल्दी वृध्दि करते हैं जिस कारण कीटाणुओं की गतिविधि बढ़ जाती है जिस कारण Eye Flu यानि Conjunctivitis या Pink Eyes होने की सम्भावना भी बढ़ जाती है | इसे आँख आना भी कहते हैं |

credit: Pexels.com

Eye Flu, जिसे कंजंक्टिवाइटिस (Conjunctivitis) या “पिंक आई” भी कहते हैं, एक प्रचलित नेत्र संक्रमण है जो सभी उम्र के लोगों को प्रभावित करता है। यह एक अत्यधिक संक्रामक स्थिति है जो संक्रमित व्यक्ति की आंखों के स्राव या दूषित सतहों के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष संपर्क के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में आसानी से फैल सकती है। संक्रमण एक या दोनों आँखों को प्रभावित कर सकता है और असुविधा, लालिमा, खुजली और आँखों से स्राव का कारण बन सकता है।

1. क्या है आई फ़्लू? (What is Eye Flu?):

Eye Flu, जिसे कंजंक्टिवाइटिस (Conjunctivitis) या “पिंक आई” के नाम से भी जाना जाता है, एक आम आँख का संक्रमण है जो कंजंक्टिवा (आँख के सफेद हिस्से और पलकों की आंतरिक सतह को ढकने वाले पतले स्पष्ट ऊतक) को प्रभावित करता है। इसे पिंक आई भी कहा जाता है, क्योंकि कंजंक्टिवाइटिस के कारण अक्सर आँखों का सफेद भाग गुलाबी या लाल रंग का हो जाता है। आई फ्लू वायरस, बैक्टीरिया, एलर्जी या अन्य परेशानियों के कारण हो सकता है और यह अत्यधिक संक्रामक है।

इस लेख में हम Eye Flu – Conjunctivitis – Pink Eyes के कारणों, लक्षणों, निदान, उपचार और रोकथाम के बारे में विस्तार से बताएंगे, जिससे इस सामान्य आँख की स्थिति के बारे में बहुमूल्य जानकारी मिलेगी।

2. आई फ्लू के प्रकार (Types of Eye Flu):

कारक के आधार पर आई फ्लू (Eye Flu – Conjunctivitis – Pink Eyes) कई प्रकार का होता है:

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a) वायरल कंजंक्टिवाइटिस:

यह आई फ्लू का सबसे आम प्रकार है और एडेनोवायरस सहित वायरल संक्रमण के कारण होता है। यह अक्सर एक आंख से शुरू होता है और कुछ ही दिनों में दूसरी आंख तक फैल सकता है। वायरल कंजंक्टिवाइटिस अत्यधिक संक्रामक है और संक्रमित आंखों के स्राव के संपर्क से आसानी से फैल सकता है।

b) बैक्टीरियल कंजंक्टिवाइटिस:

जीवाणु संक्रमण, जो मुख्य रूप से स्टैफिलोकोकस ऑरियस या स्ट्रेप्टोकोकस न्यूमोनिया के कारण होता है, बैक्टीरियल कंजंक्टिवाइटिस का कारण बन सकता है। यह अत्यधिक संक्रामक भी है और वायरल कंजंक्टिवाइटिस की तुलना में अधिक गंभीर लक्षण पैदा कर सकता है।

c) एलर्जिक कंजंक्टिवाइटिस:

पराग, धूल, पालतू जानवरों की रूसी, या कुछ दवाएँ जैसे एलर्जी कारक, एलर्जी वाले व्यक्तियों में एलर्जिक कंजंक्टिवाइटिस को ट्रिगर कर सकते हैं। यह संक्रामक नहीं है और आमतौर पर दोनों आँखों को एक साथ प्रभावित करता है।

d) केमिकल कंजंक्टिवाइटिस:

कुछ उत्तेजक पदार्थों या रसायनों, जैसे स्विमिंग पूल में क्लोरीन या कठोर सफाई एजेंटों के संपर्क में आने से केमिकल कंजंक्टिवाइटिस हो सकता है। इस प्रकार का कंजंक्टिवाइटिस गैर-संक्रामक भी है।

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3. आई फ्लू के कारण (Causes of Eye Flu):

आई फ्लू (Eye Flu – Conjunctivitis – Pink Eyes) के मुख्य कारणों में शामिल हैं:

a) वायरल संक्रमण:

एडेनोवायरस वायरल कंजंक्टिवाइटिस के लिए जिम्मेदार सबसे आम अपराधी हैं। ये वायरस संक्रमित व्यक्तियों, दूषित वस्तुओं या श्वसन बूंदों के निकट संपर्क से आसानी से फैल सकते हैं।

b) बैक्टीरियल संक्रमण:

बैक्टीरियल कंजंक्टिवाइटिस आमतौर पर स्टैफिलोकोकस ऑरियस, स्ट्रेप्टोकोकस न्यूमोनिया या हेमोफिलस इन्फ्लुएंजा के कारण होता है। बैक्टीरिया दूषित हाथों, कॉन्टैक्ट लेंस या अन्य स्रोतों से आंखों में प्रवेश कर सकते हैं।

c) एलर्जेन:

एलर्जिक कंजंक्टिवाइटिस तब होता है जब आंखें पराग, पालतू जानवरों की रूसी, धूल के कण या फफूंद बीजाणुओं जैसे एलर्जी कारकों के संपर्क में आती हैं। इन एलर्जी के प्रति शरीर की प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया से आंखों में सूजन हो जाती है।

d) इरिटेंट:

रसायन, धुंआ, प्रदूषण या अन्य उत्तेजक पदार्थ भी कंजंक्टिवाइटिस का कारण बन सकते हैं। इरिटेंट कंजंक्टिवाइटिस संक्रामक नहीं है।

4. आई फ्लू के लक्षण (Eye Flu Symptoms):

आई फ्लू के लक्षण कंजंक्टिवाइटिस के प्रकार के आधार पर भिन्न हो सकते हैं, लेकिन सामान्य लक्षणों में शामिल हैं:

5. आई फ्लू का निदान:

आई फ्लू का निदान करने और इसका कारण निर्धारित करने के लिए, एक योग्य स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर द्वारा आंखों की जांच आवश्यक है। निदान में आमतौर पर निम्नलिखित चरण शामिल होते हैं:

6. आई फ्लू का उपचार (Eye Flu Treatment):

आई फ्लू (Eye Flu – Conjunctivitis – Pink Eyes) का उपचार कंजंक्टिवाइटिस के प्रकार और गंभीरता पर निर्भर करता है:

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7. आई फ्लू से बचने के उपाय (Prevention and Eye Care Tips):

आई फ्लू को रोकने और इसके फैलने के जोखिम को कम करने के लिए, निम्नलिखित निवारक उपायों की सिफारिश की जाती है:

8. आई फ्लू की जटिलताएँ:

ज्यादातर मामलों में, आई फ्लू बिना किसी जटिलता के ठीक हो जाता है। हालाँकि, कुछ स्थितियाँ अधिक गंभीर जटिलताएँ पैदा कर सकती हैं, खासकर यदि इलाज न किया जाए या यदि संक्रमण आँख के अन्य भागों में फैल जाए। संभावित जटिलताओं में शामिल हो सकते हैं:

9. चिकित्सा सहायता कब लेनी चाहिए:

आई फ्लू या कंजंक्टिवाइटिस के लक्षणों का अनुभव होने पर तुरंत स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर से परामर्श लेना आवश्यक है। तत्काल चिकित्सा सहायता लें यदि:

10. निष्कर्ष:

आई फ्लू, या कंजंक्टिवाइटिस, एक सामान्य नेत्र संक्रमण है जो वायरस, बैक्टीरिया, एलर्जी या जलन पैदा करने वाले कारकों के कारण हो सकता है। जबकि आई फ्लू के अधिकांश मामले अपने आप या उचित उपचार से ठीक हो जाते हैं, उचित निदान और प्रबंधन के लिए चिकित्सकीय सलाह लेना आवश्यक है। निवारक उपाय, जैसे कि अच्छी हाथ की स्वच्छता, आंखों को छूने से बचना और उचित कॉन्टैक्ट लेंस देखभाल का अभ्यास, आई फ्लू और इसके संचरण के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है। यदि आप आई फ्लू के लक्षणों का अनुभव करते हैं या अपनी आंखों के स्वास्थ्य के बारे में चिंतित हैं, तो समय पर मूल्यांकन और उचित देखभाल के लिए किसी नेत्र देखभाल पेशेवर से परामर्श लें। याद रखें, आंखों के स्वास्थ्य को बनाए रखने और जटिलताओं को रोकने के लिए शीघ्र पहचान और उचित प्रबंधन महत्वपूर्ण है।

Disclaimer:

इस लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

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